Page 3 - ISWKi Newsletter - August 2023
P. 3

FROM THE






             EDUCATOR'S DESK




             Dr. Shreesh Misra- Lower Secondary Coordinator


              श क  दवस


                                      ू
                                 े
               ं
             परपराएं गहरी और जड़  स मज़बत
             वटव  स श
                ृ

             जीत जाती काल को, हो जाती ह कालजयी।
                               ु

             अबाध चली जाती ह, यग  क पार
                                  े
             जस चल जा रह ह हम और तम।
                े
                           ै
                                   ु
                         े
                    े
               ै
               ँ
                       ु
             हा हम और तम स ाना मक     नह
                           ं
             हम और तम अखड मानव।
                          ं
                     ु
                   े
                          े
              ं
             सभालत, सराहत, सहलात े
                               े
                                े
             हम अपनी थाती स प दत ह
             अगली पीढ़  को
               ै
                          ै
             जस दाय  दया ह हम  े
                े
                                 े
             राधाक णन, चाण य,  ववकानद न  े
                                    ं
                 ृ
             अनगढ़ को गढ़न क
                         े
             इस पार  रक  वरासत म शा मल ह

             सभी  श क।
             हम आप सभी
                                    ु
             शष ह अभी उस परपरा क  सगबगाहट
                            ं
                 ै
              े
                                      ु
             जो आज भी गढ़ती ह अखड मानव।
                             ै
                                 ं
             मानव जो चाद को जीत  े
                       ँ

                           े
             सय को आ द य स ट कर द  े
              ू
                                   े
             म  त क स म  त क को कर  नय  त
                                      ं
                     े
                                     े
                  े
             सद  क महानतम  श य  को गढ़।
                                       ू
               े
             गढ़ उनको जो जान  वरासत का म य
                           े
             पहचान स क त क  अद यता
                       ृ
                     ं
                  े
             स द सश  आ मीय कलाकार
              ु

                             ू
                  े
                          े
             सद  क  वकास क म तकार
             सजन क  नीव धरत क तकार
              ृ
                            े
                              ृ
                  ं
             इस परपरा क वाहक
                       े
              व  क  श   और  वरासत क साधक ह ग।
                                    े
                                              े
                         े
             अनगढ़ को गढ़न क

             इस पार  रक  वरासत म शा मल ह
             सभी  श क।
             हम आप सभी
              े
                                      ु
             शष ह अभी उस परपरा क  सगबगाहट
                                    ु
                 ै
                            ं
                             ै
             जो आज भी गढ़ती ह अखड मानव।
                                 ं
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